भारतीय सामाजिक व्यवस्था में नारी विमर्श: एक मूल्यांकन

  • सरोजनी कौशल एम0ए0, पी.एच0 डी0 हिन्दी, डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या
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Abstract

प्राचीन भारत में स्त्री की छवि को लेकर इतिहासकारों में मत-वैभिन्न है। राष्ट्रवादी इतिहासकार प्राचीन भारत में स्त्रियों की स्थिति को अच्छा बताते हैं। वे यह भी मानते हैं कि भारत में स्त्रियों की स्थिति में गिरावट आने का प्रमुख कारण मुसलमानों का आक्रमण है। जबकि पश्चिम के ज्यादातर इतिहासकार जो हमेशा अपनी संस्कृति को दुनिया की श्रेष्ठ संस्कृतियों में मानते आये हैं वह यह मानते है कि भारत में स्त्रियों की खराब हालत के लिए खुद यहीं के लोग जिम्मेदार हैं। अपनी-अपनी विचार-समणियों के बावजूद भारत में ‘प्राचीन समाज में नारी-छवि’ क्या थी उस पर व्यापक विचार की जरूरत है।

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Published
2024-08-08
How to Cite
कौशलस. (2024). भारतीय सामाजिक व्यवस्था में नारी विमर्श: एक मूल्यांकन. Humanities and Development, 19(02), 32-36. https://doi.org/10.61410/had.v19i2.186