स्वयं सहायता समूह और महिला सशक्तीकरण: समाजशास्त्रीय अध्ययन

  • ज्योतिमा सोनी समाजशास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ
Keywords: स्वयं सहायता समूह, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण महिलाएं, ग्रामीण समाज

Abstract

स्वयं सहायता समूह महिलाओं के सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे है क्योंकि उन समूहों में कार्य करने से उनके स्वाभिमान आत्मनिर्भता और क्षमताओं में विकास होता है। आज भारत दुनिया भर में महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों के क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान रखता है परन्तु हमारे देश की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व राजनीतिक परिस्थियां महिला समूहों की गतिशीलता, व्यवहार्यता व साध्यता में अनेक चुनौतियां खड़ी करती है। इन चुनौतियों को कम करने में महिला संगठनों, समाजसेवी संस्थाओं व गैर सरकारी संगठनों द्वारा कार्य किया जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप महिला समूहों की सक्रियता व सामाजिक आर्थिक रूप से भागीदारी व महिला सशक्तीकरण सही मायने में हो रहा है।

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Published
2024-08-08
How to Cite
सोनीज. (2024). स्वयं सहायता समूह और महिला सशक्तीकरण: समाजशास्त्रीय अध्ययन. Humanities and Development, 19(02), 22-26. https://doi.org/10.61410/had.v19i2.184