नशे के प्रति युवकों का बढ़ता रुझान-एक समाजशास्त्रीय अध्ययन

  • डाॅ0 अखिलेश कुमार त्रिपाठी सहायक आचार्य, समाजशास्त्र विभाग, टी0एन0पी0जी0कालेज, टाण्डा,अम्बेडकरनगर

Abstract

संघर्ष को मानव जीवन का दूसरा नाम कहा जाता है। इस संघर्ष से व्यक्ति कुन्दन की तरह
शुद्ध और पवित्र बन जाता है जिन लागे ांे मंे मानसिक दृढ़ता नहीं होती है व े संघर्ष के आगे घुटने टेक
देते हैं और अपनी सफलता से बचने के लिए नशे को सहारा बनाते हैं। नशा एक ऐसी बीमारी है जो
हमे हमारे समाज को, हमारे देश को तेजी से निगलत े जा रहा है। आज शहर और गांवो म े पढने
लिखने की उम्र मंे विद्यालय एव ं काॅलेज के छात्रो ं के साथ भावी शिक्षक भी मादक पदार्थों के बाहुपाश
मंे जकड़ते जा रहे हैं। एक पतन की ओर जान े वाला व्यक्ति समाज और राष्ट्र दाने ांे के लिए घातक
सिद्ध होता है। नशा सभी बुराईंयों की जड़ है।

Downloads

Download data is not yet available.
Published
2024-02-06
How to Cite
त्रिपाठीड. अ. क. (2024). नशे के प्रति युवकों का बढ़ता रुझान-एक समाजशास्त्रीय अध्ययन. Humanities and Development, 18(02), 36-42. https://doi.org/10.61410/had.v18i2.141