पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

  • विकास सिंह शोधछात्र- आधुनिक इतिहास विभाग, डॉ.रा.म.लो. अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या
  • अरुण कुमार मिश्र विभागाध्यक्ष-आधुनिक इतिहास विभाग, श्री गनपत सहाय पी.जी. कॉलेज, सुलतानपुर
Keywords: सनातन, समावेशी, प्रचारक, तरुणाई, अनाचार, आत्मनिर्भर, स्वयसं ेवक, रंगभूमि, उपवास, पतित, स्नेहशीलता, मौनसाधना।

Abstract

प.ं दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ एव ं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महान कार्यकर्ता के
रूप में थे। वह एक प्रखर विचारक, संगठनकर्ता के रूप में अपनी ख्याति अर्जित की थी। वह एक एसे े
नेता थे, जिन्हांने े आजीवन अपनी ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा को महत्त्व दिया था। वह मार्गदर्शक एव ं
प्रेरणास्राते के रूप में आज भी याद किय े जात े हैं। पं. दीनदयाल एक राष्ट्र नायक के रूप मे ं आज भी
हमारे बीच हमारा मागदर्शन करते हैं कि कैसे अपने राष्ट्र के प्रति आप योगदान कर सकते हैं। वह
भारतीय संस्कृति का प्रतीक, अजातशत्रु एवं इतिहासपुरुष बनना था, अन्यथा भावनात्मक अनुभूतियों में
ही उलझ कर रह जाते। बड़ी ही ईमानदारी के साथ दीनदयाल जी ने भारतीय राजनीति को राष्ट्रवाद
के साथ जोड़कर देखा था। उनका विचार था कि हिन्दू कोई धर्म या सम्प्रदाय नहीं बल्कि भारत की
राष्ट्रीय संस्कृति है। यहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा भी रही है।

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Published
2024-02-06
How to Cite
सिंहव., & मिश्रअ. क. (2024). पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ. Humanities and Development, 18(02), 49-52. https://doi.org/10.61410/had.v18i2.143