भारतीय मलिन बस्तियों का सामाजिक अध्ययन

  • प्रीति भारती शोधछात्रा- समाजशास्त्र आचार्य, समाजशास्त्र विभाग का. सु. साकेत पी. जी. कालेज, अयोध्या
  • डॉ0 योगेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी शोध पर्यवेक्षक आचार्य, समाजशास्त्र विभाग का. सु. साकेत पी. जी. कालेज, अयोध्या

Abstract

मलिन बस्तियां औद्योगिकरण व नगरीकरण का फलन है, जो कई मानसिक एवं आर्थिक समस्याओं को जन्म देती है, जैसे- पानी, विद्युत, जल निकासी, स्वच्छ वातावरण, सड़कें आदि सुविधाओं का अभाव होता है। वर्तमान में औद्योगिक केंद्रों में जनसंख्या की तीव्र वृद्धि हुई है एवं उसी के अनुपात में मकानों का निर्माण नहीं हो पाने के कारण वहां अनेक मलिन बस्तियां बन गई, जिन्हें हम आज मलिन बस्ती के नाम से जानते हैं। विश्व के प्रत्येक प्रमुख नगर में नगर के पांचवें भाग से लेकर आधे भाग तक की जनसंख्या मलिन बस्तियों अथवा उसी के समान दशाओं वाले मकानों में रहती हैं।

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Published
2023-06-20
How to Cite
भारतीप., & त्रिपाठीड. य. (2023). भारतीय मलिन बस्तियों का सामाजिक अध्ययन. Humanities and Development, 18(1), 111-120. https://doi.org/10.61410/had.v18i1.125