ग्रामीण महिलाओं की शिक्षा पर नगरीय संस्कृति का प्रभाव: एक समाजशास्त्रीय अध्ययन
Abstract
भारतीय समाज की संस्कृति एवं सभ्यता में आदिकाल से ही नारियों की शिक्षा पर बल दिया गया है ‘‘वैदिक युग में स्त्री शिक्षा अपनी उच्चतम सीमा पर थी, वह पुरुषों के समकक्ष बिना भेदभाव के शिक्षा प्राप्त करती थी। वह बुद्धि और ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी थीं। इस युग में अनेक विदुषी महिलाओं यथा-अपाला, घोषा, मैत्रेयी, उर्वशी विश्ववारा, सिकता, लोपामुद्रा, निबावरी, रमेशा आदि का नाम मिलता है। 1 वर्तमान में महिला आबादी को देश की आधी आबादी के नाम से जाना जाने लगा है। अतः किसी भी समाज को पूर्ण विकसित बनाने के लिए उसकी सम्पूर्ण आबादी का शिक्षित होना आवाश्यक है।
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Published
2023-06-20
How to Cite
सिंहच., & सिंहप. अ. (2023). ग्रामीण महिलाओं की शिक्षा पर नगरीय संस्कृति का प्रभाव: एक समाजशास्त्रीय अध्ययन. Humanities and Development, 18(1), 95-98. https://doi.org/10.61410/had.v18i1.121
Section
Articles