आशा कार्यकर्ताः ग्रामीण उत्तर भारत के लिए एक आशा

  • रूबी बानो शोध छात्रा- समाजशास्त्र के0एन0आई0पी0एस0एस, सुल्तानपुर ड० राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या
  • प्रो0 (डॉ0) प्रमोद कुमार सिंह शोध पर्यवेक्षक के0एन0आई0पी0एस0एस, सुल्तानपुर ड० राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या

Abstract

किसी भी देश का सामाजिक आर्थिक विकास उस देश के सेहतमंद नागरिकों पर निर्भर करता है। किसी भी देश के विकास की कुंजी उस देश के स्वस्थ नागरिक हैं। भारत की सकल राष्ट्रीय आय की श्ष्टि से विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन जब बात स्वास्थ्य सेवाओं की आती है तो हमारी स्थिति काफी दयनीय साबित होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की अनेक रिपोर्ट से लेकर इस क्षेत्र में हुए अनेक सर्वेक्षण यह बताते हैं कि हमारी सार्वजनिक चिकित्सा व्यवस्था सुधरने की बजाए और बदहाल होती जा रही है। भारत विश्व स्तर पर गुणवत्ता युक्त इलाज मुहैया कराने के लिए प्रसिद्ध है, किंतु इसके बावजूद अब भी स्वास्थ्य संबंधी कई कठिनाइयां हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हमारी स्वास्थ्य सेवाएं सबसे बदतर हालात में हैं। भारत में आर्थिक असमानता के कारण स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में भी काफी विषमता है। निजी अस्पतालों की वजह से संपन्न लोगों को तो गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो जाती है किंतु गरीब एवं निर्धन लोगों के संबंध में यह स्थिति काफी चिंताजनक बनी हुई है। महंगी होती स्वास्थ्य सेवाओं के कारण आम आदमी द्वारा स्वास्थ्य पर किए जाने वाले खर्च में बेतहाशा वृद्धि हुई है जिससे यह वर्तमान समय में गरीबी को बढ़ाने वाला एक प्रमुख कारण माना जाने लगा है। भारत में अभी भी उच्च शिशु मृत्यु दर एवं प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु दर बरकरार है यहां हर माह लगभग 80 हजार महिलाओं की मौत प्रसव के दौरान हो जाती है।

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Published
2023-06-20
How to Cite
बानोर., & सिंहप. (डॉ0) प. (2023). आशा कार्यकर्ताः ग्रामीण उत्तर भारत के लिए एक आशा. Humanities and Development, 18(1), 88-90. https://doi.org/10.61410/had.v18i1.119