अमृत काल और भारतीय लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियाँ

  • डॉ0 पीयूष कुमार जायसवाल असिस्टेन्ट प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान विभाग जवाहर लाल नेहरू स्मा0 पी0जी0 कालेज, महराजगंज

Abstract

अमृत काल का आशय भारत की स्वतंत्रता के स्वर्णिम 75वें वर्ष को भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सर्वप्रथम इस शब्द को प्रयोग करते हुए अगले 25 वर्ष को उत्सव के रूप में देखने का प्रयास किया है और देश के विकास के समस्त कार्यों को ‘अमृत काल’ के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। वास्तव में ‘अमृत काल’ कोई नया शब्द नहीं है, इसे वैदिक ज्योतिष में प्रयोग किया जाता रहा है। प्राचीन कालीन ज्योतिष विज्ञान अमृत काल के मूल आशय को सम्पूर्ण मानवता के साथ जोड़कर देवदूतों एवं व्यक्तियों के लिए जिस समय आधिकाधिक सुख के द्वार खुल जाय उसे ‘अमृत काल’ कहा जाता है। अर्थात् ऐसे समय में जब नये कार्य की शुरूआत हो ऐसे शुभ मुर्हुत को अमृत काल की संज्ञा दी जाती है।

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Published
2023-06-20
How to Cite
जायसवालड. प. (2023). अमृत काल और भारतीय लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियाँ. Humanities and Development, 18(1), 80-82. https://doi.org/10.61410/had.v18i1.117