प्रमुख काव्य शास्त्रियों के अनुसार काव्य प्रयोजन
Abstract
काव्य सोद्देश्य होता है क्योंकि कोई भी मनुष्य किसी का र्य में तभी प्रवृत्त होता है जब उसे उसम इष्टसाधनता और कृतिसाध्यता का ज्ञान हो। ‘इदम्मदिष्टसाधनम्’ यह काम मेरे लिए इष्ट का साधन है, अतएव इसके करने में मेरे मनोरथ की सिद्धि होगी अथवा इस कार्य की कृतिसाध्यता भी है, मैं इसे भलह-भांति कर सकता हूँ। इस प्रकार का उभयविब ज्ञान होने पर ही मनुष्य किसी कार्य में प्रवृत्त होता है।
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Published
2023-06-20
How to Cite
मौर्याप., & चौरसियाड. र. (2023). प्रमुख काव्य शास्त्रियों के अनुसार काव्य प्रयोजन. Humanities and Development, 18(1), 58-62. https://doi.org/10.61410/had.v18i1.112
Section
Articles