दिक्पाल, आठ दिशाओं के स्वामी

  • डॉ0 ज्योति पाण्डेय असिस्टेंट प्रोफेसर, प्राचीन इतिहास अवध राज सिंह स्मारक महाविद्यालय, विशुनपुर बैरिया, सालपुर ,गोण्डा

Abstract

इस शोध पत्र में दिशाओं के महत्व एवं उनके दिक्पाल के बारे में बताया गया है। ये दिक्पाल हैं-इन्द्र, अग्नि, यम, नैऋत्य, वरूण, बायव्य, कुबेर, ऐशान्य। इन सभी दिक्पालों के कार्य, आयुध, इनकी बनावट जो कि प्रतिमा निर्माण के लिये आवश्यक है इसका वर्णन है। दिशायें हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं। हम कितना भी आधुनिक हों परन्तु यदि दिशाओं का सही ज्ञान न हो तो हम भटक सकते हैं। परन्तु ज्ञान की बात करें तो स्वामी का भी वर्णन अत्यन्त आवश्यक है। हमारे हिन्दू धर्म में दिशाओं का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। प्राचीन काल में जब घड़ियाँ नही थीं तो दिशाओं के द्वारा ही समय का ज्ञान होता था। यदि ऊपर-नीचे की दिशाओं को छोड़ दिया जाय तो कुल दिशाओं की संख्या आठ होती हैं।

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Published
2023-06-20
How to Cite
पाण्डेयड. ज. (2023). दिक्पाल, आठ दिशाओं के स्वामी. Humanities and Development, 18(1), 43-46. https://doi.org/10.61410/had.v18i1.107